हिन्दी लेखन में योजक चिह्न को लेकर भी काफी भ्रांतियॉं हैं। इस पोस्ट में हम योजक चिह्न के बारे में ही जानकारी देने वाले हैं। यदि आपको नहीं पता कि योजक चिह्न (-) कहॉं पर प्रयोग होता है तो आपको यह पोस्ट अवश्य पढ़नी चाहिए।
योजक चिह्न का प्रयोग सामान्यत: और का प्रतिनिधित्व करता है। दूसरी ओर यह चिह्न संबंध को भी दर्शाता है। यही दोनों वाक्य इसके प्रयोग को दर्शाते हैं। संबंध की यदि बात की जाए, तो योजक चिह्न का प्रयोग द्वंद्व समास में किया जाता है।
द्वंद्व समास में दोनों पद एक दूसरे से संबंधित होते हैं, जैसे: माता—पिता, बाल—बच्चे, रोटी—पानी इत्यादि।
नियम 1 द्वंद्व समास के पदों में योजक चिह्न का प्रयोग किया जावेगा।
1. राम—लक्ष्मण की अनोखी जोड़ी।
2. पढ़ना—लिखना जरूरी है।
3. लेन—देन बाकी नहीं रहा।
4. खेल—कूद प्रतियोगिता हो रही है।
नियम 2 यदि सा, सी, से आता है तो योजक चिह्न का प्रयोग किया जाए।
1. तुम—सा मक्कार आज तक नहीं देखा।
2. चॉंद—सी सूरत है आपकी।
3. आपके तेवर चाकू—से तीखे हैं।
नियम 3 तत्पुरूष समास में सामान्यत: योजक चिह्न आवश्यक नहीं परंतु यदि योजक चिह्न के बिना भ्रम की गुंजाइश प्रकट हो तो वहॉं पर योजक चिह्न लगा सकते हैं।
1. भू—तत्व
2. अ—नति
नियम 4 कठिन संधियों से बचने के लिए भी योजक चिह्न का प्रयोग कर सकते हैं।
1. त्रि—अक्षर
2. द्वि—अक्षर
3. द्वि—अर्थक
हमें आशा है यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। हम ऐसे ही नये—नये पोस्ट्स के माध्यम से उपयोगी जानकारी आपके लिए लेकर आते रहेंगे। तो बने रहिए हमारे साथ। मिलते हैं, फिर नये पोस्ट में।
यदि कोई प्रश्न है तो आप कमेंट्स के माध्यम से बता सकते हैं। आगामी पोस्ट में आपके प्रश्न का उत्तर समाहित कर दिया जावेगा।
नियम 1 द्वंद्व समास के पदों में योजक चिह्न का प्रयोग किया जावेगा।
1. राम—लक्ष्मण की अनोखी जोड़ी।
2. पढ़ना—लिखना जरूरी है।
3. लेन—देन बाकी नहीं रहा।
4. खेल—कूद प्रतियोगिता हो रही है।
नियम 2 यदि सा, सी, से आता है तो योजक चिह्न का प्रयोग किया जाए।
1. तुम—सा मक्कार आज तक नहीं देखा।
2. चॉंद—सी सूरत है आपकी।
3. आपके तेवर चाकू—से तीखे हैं।
नियम 3 तत्पुरूष समास में सामान्यत: योजक चिह्न आवश्यक नहीं परंतु यदि योजक चिह्न के बिना भ्रम की गुंजाइश प्रकट हो तो वहॉं पर योजक चिह्न लगा सकते हैं।
1. भू—तत्व
2. अ—नति
नियम 4 कठिन संधियों से बचने के लिए भी योजक चिह्न का प्रयोग कर सकते हैं।
1. त्रि—अक्षर
2. द्वि—अक्षर
3. द्वि—अर्थक
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