फिशिंग से सावधान

अगर आप व्हाट्सएप्प चलाते हैं तो कभी न कभी फिशिंग का शिकार जरूर हुए होंगे। अगर आपको फिशिंग के बारे में नही पता तो इस पोस्ट को जरूर पढ़ें।

फिशिंग एक ऐसी विधि है जिसमें किसी ब्रांड या फेमस पर्सनालिटी का सहारा लेकर आपको ठगा जाता है या आपकी जानकारी चुराई जाती है। चलिए जानते हैं फिशिंग के बारे में विस्तार से।


क्या है फिशिंग ?
जिस प्रकार से मछली पकड़ने के लिए चारा लगाकर कॉंटा फैंका जाता है उसी प्रकार से आपको ठगने के लिए किसी फैमस व्यक्ति या ब्रांड के नाम से आपको ठगा जाता है। ठगी का यही तरीका फिशिंग कहलाता है। JIO, PM MODI, FREE T-SHIRT, HELMET आदि के नाम से कई लोगों को ठगने की बारदातें वर्तमान में चलती ही रहती हैं।

कैसे काम करती है फिशिंग 
इसमें किसी वेबसाइट के नाम से मिलता—जुलता ब्लॉग या वेबसाइट बनाया जाता है, जिसकी लिंक आपको भेजी जाती है। लिंक पर क्लिक करने पर आप वेबसाइट या ब्लॉग में पहुॅंचते हैं जहॉं आकर्षक OFFER की लालच देकर आपसे जानकारी मॉंगी जाती है। आपकी जानकारी लेने के लिए एक फॉर्म तैयार किया जाता है जिसमें आपकी बेसिक जानकारी — नाम, पता, मोबाइल नंबर, गाड़ी का नंबर, खाता क्रमांक आदि पूछा जाता है। उसके बाद आपको फॉर्म सबमिट करना होता है और सारी जानकारी ठगों के पास चली जाती है। सांत्वना के लिए आपसे कहा जाता है कि इस लिंक को 10 या 20 ग्रुपों में शेयर करो फिर आपको लाभ मिल जाएगा।

लालच के चक्कर में आप खुद तो ठगते ही हैं और भी न जाने कितने लोगों को भी ठगवा देते हैं और अंतत: यह प्रक्रिया चलती ही रहती है। न तो आपको कुछ मिल पाता है और न ही किसी को। लेकिन ठगों को आपकी और आपके रिश्तेदारों की जानकारी मिल जाती है जो कि बाद में आपके खिलाफ ही प्रयोग की जाती है।

कैसे बचें फिशिंग से ?
फिशिंग से बचने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि आप ऐसे किसी OFFER के झॉंसे में न आएं, जो बिना मेहनत आपको कुछ दे रहा हो। यह तो आप भी जानते हैं कि बिना मेहनत कुछ नहीं होता, यहॉं त​क कि खाना भी नहीं पचता।

लेकिन अगर आप ज्यादा ही लालची प्रवृत्ति के हैं और ऐसे लुभावने OFFER को देखकर अपने आपको रोक नहीं पाते तो सबसे पहले आपको उस OFFER देने वाली कंपनी की अधिकृ​त वेबसाइट पर जाकर सत्यता का परीक्षण करना चाहिए। उसके बाद ही ऐसे किसी फॉर्म को भरना चाहिए, जिसमें आपकी जानकारी मॉंगी जा रही है।

कैसे पहचाने फर्जी वेबसाइट
अगर आप इंटरनेट पर थोड़ा बहुत सर्फिंग करना जानते हैं तो आपको पता ही होगा कि URL से ही कोई वेबसाइट खुलती है, जैसे JIO.COM, FACEBOOK.COM आदि। माना आपको कोई ऐसी लिंक मिलती है जिसमें ​JIO की तरफ से फ्री इंटरनेट मिलने की जानकारी दिखे तो उस लिंक पर जाकर उसका URL देखें। क्या वह वास्तव में JIO.COM है या फिर http://jio-free-t-shirts.blogspot.com/


अगर आप जरा भी समझदार होंगे तो यह समझ जाएंगे कि आपको भेजी गई लिंक एक फर्जी लिंक है जो JIO.COM न होकर jio-free-t-shirts.blogspot.com है और वह केवल आपकी जानकारी चुराने के लिए ही बनाई गई है। यदि वास्तव में कोई OFFER होता तो वह JIO.COM पर दिखता न कि ऐसे किसी फालतू ब्लॉग पर।

तो आज से ही अपना बचाव शुरू कीजिए, कहीं ऐसा न हो कि RS 399/- के इंटरनेट पैक के चक्कर में आप अपने परिवार की जानकारी दूसरों को दे दें। या फिर खुद का बैंक विवरण ऐसे ठगों को दे दें। और हॉं, यह अनुरोध है कि अगर आप ठग गए हैं तो कम से कम ऐसे लिंक तो दूसरों को फॉरवर्ड बिल्कुल न करें।