वर्णमाला में तीसरे स्थान पर 'इ' को रखा गया है। हिन्दी के अनुच्छेद में यह स्वर और मात्रा दोनों ही रूप में हमारे सामने होता है। इसकी मात्रा को 'ि' से इंगित किया जाता है। 'इ' का स्वर एवं मात्रा पढ़ते समय ही लघु ध्वनि निकाली जाती है और इससे बनने वाले शब्दों को कम ताकत खर्च किए ही, गतिमान रूप से पढ़ा जाता है।
यहॉं पर हम कुछ शब्दों को पढ़ेंगे जिनमें 'इ' स्वर एवं मात्रा दोनों की प्रयुक्त होंगे।
किसान, परिवार, पिता, पितृ, पैतिृक, परिसीमित, संकलित, द्विभाषी, परिमार्जित, परिष्कृत, परिसीमा, पारसमणि, भानुमति, सुमति, चारूमति, कुमति, इश्क, इश्कबाज, इल्म, इमला, इशिका, इमरान, आशिफ, साजिश, प्रगति, विक्षनरी, डिक्शनरी, गति, गतिमान, वर्णित, उत्सर्जित, पति, करोड़पति, लखपति, अरबपति, निर्वाध, सितम्बर, किरण, निशान, निशानी, विकास, विनाश, पितामह, आतिश, आशिक, नातिन, शक्ति, भक्ति, नियत, नियति, इनाम, इस, इस्लाम, इरादा
उपरोक्त सभी शब्द 'इ' स्वर एवं उसकी मात्रा पर आधारित हैं, जिनमें 'अ' एवं 'आ' की ध्वनियॉं भी सम्मिलित हैं। पूर्व पोस्ट में बताए नियमों को ध्यान में रखते हुए आपको 'अ', 'आ' एवं 'इ' के शब्दों को पढ़ना है।
सीधी सी बात है, जो छोटा है, उसके लिए छोटी ध्वनि निकलेगी और जो बड़ा है उसके लिए दीर्घ ध्वनि निकलेगी और क्षमता भी ज्यादा लगेगी।
अब हम कुछ वाक्य पढेंगे जो इन्हीं शब्दों पर आधारित होंगे —
1. अमन, इधर आ। नल पर जाकर जल भरकर वापिस आ।
2. राजा, इशिका का आशिक मत बन।
3. अमित, नजर मिला। चित लगाकर पढ़। गाना गा, पान खाकर खिलखिला।
4. पिता का मान कर। दिल लगाकर पढ़ता जा।
5. प्रगति पथ पर बढ़ता जा, साजिश मत कर।
चूॅंकि यह सब 'इ' के स्वर एवं मात्रा से बने हैं इसलिए इनमें किसी प्रकार से 'ई' की ध्वनि यानि दीर्घ ध्वनि न दी जावे। इन्हें पढ़ते समय लघु ध्वनि, कम शक्ति का ही प्रयोग किया जावे।
सीधी सी बात है, जो छोटा है, उसके लिए छोटी ध्वनि निकलेगी और जो बड़ा है उसके लिए दीर्घ ध्वनि निकलेगी और क्षमता भी ज्यादा लगेगी।
अब हम कुछ वाक्य पढेंगे जो इन्हीं शब्दों पर आधारित होंगे —
1. अमन, इधर आ। नल पर जाकर जल भरकर वापिस आ।
2. राजा, इशिका का आशिक मत बन।
3. अमित, नजर मिला। चित लगाकर पढ़। गाना गा, पान खाकर खिलखिला।
4. पिता का मान कर। दिल लगाकर पढ़ता जा।
5. प्रगति पथ पर बढ़ता जा, साजिश मत कर।
चूॅंकि यह सब 'इ' के स्वर एवं मात्रा से बने हैं इसलिए इनमें किसी प्रकार से 'ई' की ध्वनि यानि दीर्घ ध्वनि न दी जावे। इन्हें पढ़ते समय लघु ध्वनि, कम शक्ति का ही प्रयोग किया जावे।