फाइल फॉर्मेट वह विधि है, जिसके द्वारा कंप्यूटर में प्रत्येक फाइल को एक अद्वितीय पहचान दी जाती है। यह उसी प्रकार से कार्य करती है जिस प्रकार से हमारी दुनिया में जातिवाचक शब्द यानि सरनेम। फाइल फॉर्मेट को प्राय: फाइल्स एक्सटेंशन, फाइल प्रारूप के नाम से भी जाना जाता है।
फाइल प्रारूप किसी फाइल को न केवल एक पहचान देते हैं बल्कि फाइल फॉर्मेट के कारण ही कंप्यूटर में विभिन्न फाइल का इंडेक्स कर पाना संभव हो सका है। शॉर्टिंग और इंडेक्सिंग के फाइल फॉर्मेट भी एक महत्वर्पूण कारक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि फाइल एक्सटेंशन के कारण ही किसी फाइल को एक आईकन मिलता है।
किसी भी फाइल नाम में दो भाग होते हैं। एक फाइल का नाम और दूसरा उसका प्रारूप। फाइल का नाम और फाइल प्रारूप जोड़ने के लिए . का प्रयोग किया जाता है, जैसे — life_is_beautiful.jpeg में jpeg फाइल प्रारूप है और life_is_beautiful फाइल का नाम, जिसे . के द्वारा जोड़ा गया है।
चूॅंकि कंप्यूटर में तमाम प्रकार की फाइल्स प्रयुक्त होती हैं इसलिए कंप्यूटर में फाइल एक्सटेंशन को श्रेणीवद्ध भी किया गया है ताकि उनको आसानी से समझा और रखा जा सके, जैसे — म्यूजिक प्रारूप, दस्तावेज प्रारूप, प्रस्तुतिकरण प्रारूप, ग्राफिक प्रारूप इत्यादि। इन्हें आप उसी प्रकार से समझ सकते हैं जिस प्रकार से हमारे समाज में वर्गीकरण होता है — हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई आदि।
एक श्रेणी में कई फाइल प्रारूप होते हैं जो अलग—अलग गुणवत्ता और अलग—अलग फाइल प्रकार को प्रदर्शित करते हैं, जैसे— म्यूजिक फाइल में सामान्यत: 5 प्रकार की फाइल प्रारूप उपयोग होती हैं, MP3, AAC, WAV, WMA, AMR आदि।