एक तरफ सोशल मीडिया ने संपूर्ण विश्व के लोगों को एक—दूसरे के निकट लाकर उनके मध्य की दूरी को कम किया है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर लोकप्रिय होने की चाह ने कुछ लोगों के निजी जीवन का मजाक बना दिया है।
बालक हों या बूढ़े, सब लोग आजकल तकनीक का प्रयोग कर सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करने लगे हैं। इन विचारों की अभिव्यक्ति से जहॉं हमारे समाज की कुरीतियों, अंधविश्वास और आडम्बरों से पर्दा हटा है वहीं दूसरी ओर किसी न किसी व्यक्ति के निजी जीवन की गोपनीयता, उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर आघात भी हुआ है।
जब कोई प्रयोक्ता किसी सोशल नेटवर्क पर स्वयं को पंजीबद्ध करता है और अपने विचार प्रकट करता है तो उसके विचारों से प्रेरित होकर कुछ लोग उसके साथ जुड़ने लगते हैं। यह आम बात है कि आपके विचारों से प्रभावित होकर इंटरनेट के सोशल नेटवर्क यूजर्स आपको फॉलो करके, आपके साथ मित्रता करके आपके साथ जुड़ने लगते हैं। अगर आपके विचार, आपके अनुभव या अभिव्यक्ति वाकई में जनोपयोगी होते हैं या आपके फॉलोअर्स को पसंद आते हैं तो अल्प अवधि में ही आपके फॉलोअर्स की संख्या गतिमान रूप से बढ़नी शुरू हो जाती है और आप सोशल नेटवर्क की दुनिया में मशहूर होने लगते हैं।
यूॅं तो हर व्यक्ति लोकप्रिय होना चाहता है और इसके लिए वह प्रयास भी करता है। सामाजिक दुनिया में आपकी बात का महत्व भले ही न हो, पर अगर आप अपने विचार, अपनी फीलिंग्स सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हैं तो स्वाभाविक रूप से ही उसे लोग पसंद करते हैं और दूसरों के साथ उसे शेयर भी करते हैं। यह सही तरीका भी होता है। इससे न तो आप किसी की गोपनीयता प्रभावित करते हैं और न ही किसी व्यक्ति विशेष के जीवन पर आक्षेप या दोषारोपण करते हैं। लेकिन रातों रात लोकप्रिय होने की चाह में कुछ लोग ऐसे हथकंडे अपनाते हैं जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी व्यक्ति, जाति अथवा धर्म आदि का विरोध या अपमान किया जाता है। ऐसे माध्यमों का सहारा लेकर वह आम जन—मानस की भावनाओं के साथ खिलवाड़ तो करते ही हैं साथ ही साथ देश में सांप्रदायिकता और विद्वेष की भावना को भी जन्म देते हैं।
वर्तमान परिस्थितियों पर अगर प्रकाश डाला जाए तो आपको हर सोशल मीडिया पर ऐसे फोटो, लेख, वीडियो देखने को मिल जाएंगे जो किसी न किसी रूप में व्यक्ति के गोपनीय जीवन पर, उसकी प्रतिष्ठा पर या किसी धर्म का विरोध और समर्थन करते हुए बनाए जाते हैं। अभी हाल ही में एक—दो वीडियो हमारे नजर में आए जिनमें ऐसा थम्बनेल लगाया गया कि 'इमरान खान मारा गया' या 'मोदी ने कराया हमला'... हैरत की बात तो यह थी कि ऐसी वीडियो को सोशल नेटवर्क द्वारा भी प्रतिबंधित नहीं किया गया।
ऐसे ही हॉट टॉपिक पर अनर्गल बातों का जिक्र करते हुए निरंतर वीडियो, लेख या फोटो नित्य सोशल नेटवर्क पर शेयर किए जाते हैं। हद तो तब हो जाती है जब लोग ADULT वीडियोज को भी अपलोड करने से नहीं चूकते। परंतु साइट प्रबंधक न तो इन पर किसी प्रकार की आपत्ति लेते हैं और न ही उन्हें प्रतिबंधित करते हैं। रातों—रात पॉप्यूलर होने के लिए ऐसे उपयोगकर्ता बिना किसी परिणाम की चिंता किए अनर्गल वीडियो, लेख, फोटो इत्यादि अपलोड कर देते हैं। उनके फॉलोअर्स भी बिना किसी जॉंच—पड़ताल के उसे सत्य मानकर उसके समर्थन में अपने विचार व्यकत करने लगते हैं और यहॉं तक कि उसे दूसरों के साथ भी शेयर कर उसे देश के कोने—कोने में भेजते रहते हैं।
छोटी—छोटी बातों को, या कपोलकल्पित बातों को बढ़ा—चढ़ाकर दिखाने से कई बार दंगे की स्थिति तक निर्मित हो जाती है। दंगा या तनाव होने पर अपने बचाव में सरकार इंटरनेट सेवाएं बाधित कर अपना पल्ला झाड़ लेती है और कुछ समय बाद फिर वही प्रक्रिया जारी हो जाती है।
आज आवश्यकता इस बात की है कि ऐसे यूजर्स को इंटरनेट उपयोग करने से पूर्णत: बाधित कर दिया जाए जो इस प्रकार की कपोलकल्पित बातों को लेकर जन मानस में द्वेष फैलाते हैं या किसी की प्रतिष्ठा पर वार करते हैं। यह सबको पता है कि हर इंटरनेट प्रयोक्ता ऐसा नहीं करता है इसलिए बाधित करने से चंद लोगों के कारण सभी देशवासियों को असुविधाओं का सामना करना होता है।
वर्तमान परिस्थितियों पर अगर प्रकाश डाला जाए तो आपको हर सोशल मीडिया पर ऐसे फोटो, लेख, वीडियो देखने को मिल जाएंगे जो किसी न किसी रूप में व्यक्ति के गोपनीय जीवन पर, उसकी प्रतिष्ठा पर या किसी धर्म का विरोध और समर्थन करते हुए बनाए जाते हैं। अभी हाल ही में एक—दो वीडियो हमारे नजर में आए जिनमें ऐसा थम्बनेल लगाया गया कि 'इमरान खान मारा गया' या 'मोदी ने कराया हमला'... हैरत की बात तो यह थी कि ऐसी वीडियो को सोशल नेटवर्क द्वारा भी प्रतिबंधित नहीं किया गया।
ऐसे ही हॉट टॉपिक पर अनर्गल बातों का जिक्र करते हुए निरंतर वीडियो, लेख या फोटो नित्य सोशल नेटवर्क पर शेयर किए जाते हैं। हद तो तब हो जाती है जब लोग ADULT वीडियोज को भी अपलोड करने से नहीं चूकते। परंतु साइट प्रबंधक न तो इन पर किसी प्रकार की आपत्ति लेते हैं और न ही उन्हें प्रतिबंधित करते हैं। रातों—रात पॉप्यूलर होने के लिए ऐसे उपयोगकर्ता बिना किसी परिणाम की चिंता किए अनर्गल वीडियो, लेख, फोटो इत्यादि अपलोड कर देते हैं। उनके फॉलोअर्स भी बिना किसी जॉंच—पड़ताल के उसे सत्य मानकर उसके समर्थन में अपने विचार व्यकत करने लगते हैं और यहॉं तक कि उसे दूसरों के साथ भी शेयर कर उसे देश के कोने—कोने में भेजते रहते हैं।
छोटी—छोटी बातों को, या कपोलकल्पित बातों को बढ़ा—चढ़ाकर दिखाने से कई बार दंगे की स्थिति तक निर्मित हो जाती है। दंगा या तनाव होने पर अपने बचाव में सरकार इंटरनेट सेवाएं बाधित कर अपना पल्ला झाड़ लेती है और कुछ समय बाद फिर वही प्रक्रिया जारी हो जाती है।
आज आवश्यकता इस बात की है कि ऐसे यूजर्स को इंटरनेट उपयोग करने से पूर्णत: बाधित कर दिया जाए जो इस प्रकार की कपोलकल्पित बातों को लेकर जन मानस में द्वेष फैलाते हैं या किसी की प्रतिष्ठा पर वार करते हैं। यह सबको पता है कि हर इंटरनेट प्रयोक्ता ऐसा नहीं करता है इसलिए बाधित करने से चंद लोगों के कारण सभी देशवासियों को असुविधाओं का सामना करना होता है।
